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डीपफेक का जाल: AI के धोखे से कैसे बचें
PhonePe Regional|4 min read|14 October, 2025
इस साल ‘AI’ की सबसे ज्यादा चर्चा है और ये सही भी है। आज टेक्नोलॉजी से लेकर मनोरंजन तक की दुनिया में, रोजमर्रा के कामकाज और इनोवेशन में AI का उपयोग काफी बढ़ गया है। समय के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेहतर होता जा रहा है और लोगों तक इसकी पहुंच भी बढ़ती जा रही है, लेकिन साथ ही इसके खतरे भी बढ़ गए हैं। आज सोशल मीडिया, सेलिब्रेटी और नेताओं के AI से जनरेट और लगभग असली दिखने वाले फोटो और वीडियो से भरा पड़ा है। इनको देखकर असली और नकली की पहचान करना मुश्किल है। अब धोखेबाज़ इस टेक्नोलॉजी का गलत उपयोग करके, डीपफेक से खुद को किसी दूसरे व्यक्ति के तौर पर पेश कर रहे हैं।
डीपफेक इम्पर्सनेशन क्या है?
जब कोई धोखेबाज़, AI टेक्नोलॉजी से खुद को किसी और व्यक्ति के तौर पर पेश करता है, तो उसे डीपफेक इम्पर्सनेशन कहते हैं। इसका मकसद आपको धोखा देकर पैसे या आपकी संवेदनशील जानकारी लेना होता है। ऐसा वे आपका दोस्त, परिवार का सदस्य, सरकारी कर्मचारी या किसी कंपनी का अधिकारी बनकर कर सकते हैं।
डीपफेक, “डीप लर्निंग” और “फेक” दो शब्दों से मिलकर बना है। इसे जनरेटिव एडवर्सरीयल नेटवर्क(GANs) नाम की AI टेक्नोलॉजी से बनाया जाता है। यह टेक्नोलॉजी किसी व्यक्ति के डेटा को समझकर, फर्जी लेकिन बिलकुल असली सा दिखने वाला विजुअल तैयार करती है। इससे धोखेबाज़, ऐसा ऑडियो या वीडियो मैसेज तैयार कर देते हैं जिसकी असलियत का पता लगा पाना लगभग नामुमकिन होता है।
इम्पर्सनेशन के लिए डीपफेक का उपयोग कैसे किया जाता है
डीपफेक टेक्नोलॉजी, किसी व्यक्ति की आवाज और उसके चेहरे की बनावट की नकल करके उस व्यक्ति की पूरी तरह आर्टिफिशियल कॉपी तैयार करती है, जिसका उपयोग अपराधी गलत इरादों से करते हैं। डीपफेक का उपयोग पहचान चुराने के लिए इन तरीकों से किया जाता है:
- पहचान चुराना: डीपफेक का उपयोग, ऐसे किसी सिस्टम को अनलॉक करने के लिए किया जा सकता है जो किसी व्यक्ति के चेहरे या आवाज से खुलता है। इससे अपराधी, अकाउंट एक्सेस कर सकते हैं, लोन ले सकते हैं, और किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर क्रेडिट कार्ड भी ले सकते हैं।
- वित्तीय धोखाधड़ी: डीपफेक उपयोग करके, अपराधी कई बार आपके किसी अपने की तरह बनकर बताएगा कि अचानक बड़ी परेशानी आ गई है और उसे तुरंत पैसे चाहिए। इसके अलावा, वे किसी अधिकारी की तरह बनकर भी तुरंत पैसे ट्रांसफर (वायर ट्रांसफर) करने की मांग कर सकते हैं। चूंकि ये नकली वीडियो/ऑडियो बिल्कुल असली जैसे दिखते और सुनाई देते हैं, इसलिए लोग इनके जाल में आसानी से फंस जाते हैं।
- जबरदस्ती पैसे लेना और ब्लैकमेल करना: अपराधी किसी व्यक्ति के फर्जी आपत्तिजनक वीडियो या तस्वीरें बना सकते हैं। फिर वे इनका उपयोग जबरन पैसे वसूलने या उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ कोई काम करने के लिए मजबूर करने के लिए करते हैं।
- झूठी जानकारी फैलाना: डीपफेक से किसी सेलिब्रेटी या आम आदमी को ऐसी बातें बोलते या ऐसे काम करते हुए दिखाया जा सकता है जो उन्होंने बोला या किया ही नहीं है। इसका मकसद बदनामी करना, समाज में झगड़ा करवाना या शेयर बाजार को प्रभावित करना हो सकता है।
डीपफेक को कैसे पहचानें
वैसे तो डीफफेक बिलकुल असली जैसा लगता है, लेकिन कुछ खास चीजों को देखकर आप इसकी पहचान कर सकते हैं:
- वीडियो में दिखने वाली गड़बड़ियां: सामान्य न दिखने वाली गतिविधियों पर ध्यान दें, जैसे कि अजीब तरह से पलकें झपकना या चेहरे के भावों का नैचुरल न होना। यह भी देखें कि व्यक्ति के चेहरे पर रोशनी और परछाई, उसके बैकग्राउंड से मेल खाती है या नहीं।
- ऑडियो से पता लगाना: आवाज पर ध्यान दें। हो सकता है कि आवाज एकदम सपाट, रोबोट जैसी हो या उसमें अजीब ठहराव हों। यह भी हो सकता है कि ऑडियो, वीडियो से मेल न खाए और बोले गए शब्द व्यक्ति के होंठों के हिलने के तरीके से मेल न खाएं।
- असामान्य मांग करना: अगर कोई अचानक आपसे पैसे या आपकी कोई निजी जानकारी मांगे तो बहुत सावधान हो जाएं। स्कैमर अक्सर आपको यह दिखाते हैं कि काम बहुत ज़रूरी है और जल्दी करना है, ताकि आप दबाव में आकर जल्दी से कोई कदम उठा लें।
डीपफेक से कैसे सुरक्षित रहें
डीपफेक टेक्नोलॉजी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन आप खुद को बचाने के लिए कई कदम उठा सकते हैं।
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) का उपयोग करें: हमेशा अपने अकाउंट पर MFA चालू रखें। यह सुरक्षा की कई लेयर जोड़ता है। इसका मतलब है कि अगर कोई स्कैमर बायोमेट्रिक स्कैन को पार कर भी लेता है, तो भी उसे आपका अकाउंट एक्सेस करने के लिए अन्य तरह के वेरिफिकेशन की जरूरत पड़ेगी।
- संदिग्ध लगने वाले अनुरोधों को पहले कन्फर्म कर लें: अगर कोई दोस्त या सहकर्मी वीडियो कॉल या मैसेज पर पैसे या जानकारी के लिए कोई अनुरोध करता है, तो तुरंत कॉल काट दें और उनसे किसी दूसरे, भरोसेमंद माध्यम से संपर्क करे। जैसे उनके जाने-पहचाने नंबर पर वापस कॉल करें।
- खुद भी समझें दूसरों को भी समझाएं: डीपफेक को पहचानने के तरीके सीखें और ये बातें अपने परिवार और दोस्तों को भी सिखाएं। हमेशा ‘भरोसा करो, पर वेरिफाई जरूर करो’ वाली आदत डालें। इस तरह के धोखे से बचने का यही सबसे अच्छा तरीका है।
रिपोर्ट कैसे करें
अगर आपको लगता है कि आप किसी स्कैम का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत इसकी शिकायत करें:
फोनपे पर शिकायत करना:
- फोनपे ऐप: हेल्प सेक्शन में जाकर शिकायत दर्ज करें।
- फोनपे कस्टमर केयर: 80-68727374 / 022-68727374 पर कॉल करें।
- सोशल मीडिया पर शिकायत दर्ज करना:
- Twitter: PhonePe Support
- Facebook: PhonePe Official
- शिकायत निवारण: PhonePe शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।
संबंधित विभाग में शिकायत दर्ज करें:
- साइबर क्राइम सेल: साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएं या1930 पर कॉल करें।
- दूरसंचार विभाग (DOT): संचार साथी पोर्टल पर चक्षु सुविधा के जरिए संदिग्ध मैसेज, कॉल या व्हाट्सएप पर हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें।
महत्वपूर्ण सूचना — फोनपे कभी भी आपकी गोपनीय या व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगता। अगर कोई ईमेल phonepe.com डोमेन से नहीं है और फोनपे का होने का दावा करता है, तो उसे नजरअंदाज करें। अगर आपको धोखाधड़ी का संदेह हो, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।