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KYC फ्रॉड से आइडेंटिटी थेफ़्ट: बचाव के आसान तरीके
PhonePe Regional|4 min read|18 July, 2025
जब आप बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस में अकाउंट खोलते हैं, तो उन्हें आपकी पहचान वेरिफाई करने की ज़रूरत होती है। यह एक KYC प्रोसेस के ज़रिए किया जाता है, जिसमें आपको आधार, PAN या RBI द्वारा स्वीकृत डॉक्यूमेंट जमा करने होते हैं।
आजकल, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस यह वेरिफिकेशन प्रोसेस “डिजिटल KYC” से करते हैं। इसमें कस्टमर की लाइव फ़ोटो और उनके डॉक्युमेंट्स को कैप्चर किया जाता है। या जहाँ ऑफलाइन वेरिफिकेशन नहीं हो सकता, वहाँ आधार के पज़ेशन का प्रूफ़ (यानी आधार कार्ड आपके पास है, इसका प्रूफ़) लिया जाता है।
KYC फ्रॉड से आइडेंटिटी थेफ़्ट क्या है?
KYC आइडेंटिटी थेफ़्ट में, धोखेबाज़ आपकी निजी जानकारी चुरा लेते हैं या नकली पहचान बनाकर उसका उपयोग धोखाधड़ी से KYC प्रोसेस पूरा करने के लिए करते हैं। एक बार वेरिफ़ाई हो जाने के बाद, वे आपके अकाउंट तक अनधिकृत एक्सेस हासिल कर लेते हैं या आपके KYC का उपयोग करके आपके नाम पर नया अकाउंट खोल लेते हैं, लोन और क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं, जिससे आपको वित्तीय नुकसान होता है और आपकी रेपुटेशन भी ख़राब होती है।
आज की डिजिटल दुनिया में, आइडेंटिटी थेफ़्ट एक बड़ा ख़तरा बन गया है, ख़ासकर तब, जब धोखेबाज़ चोरी किए गए या नकली डॉक्यूमेंट का उपयोग करके KYC प्रोसेस पूरा कर लेता है और आपके अकाउंट पर नियंत्रण हासिल कर लेते हैं।
जानें, आपके साथ किन स्थितियों में आइडेंटिटी थेफ़्ट हो सकता है-
स्थिति 1: धोखेबाज़, फ़िशिंग के विभिन्न तरीकों से आपकी निजी पहचान की जानकारी चुरा सकते हैं। वे अक्सर इस जानकारी का दुरुपयोग आपके अकाउंट को एक्सेस और अनधिकृत ट्रांजेक्शन करने के लिए करते हैं।
एक धोखेबाज़ ने अर्जुन से संपर्क किया और उसे आकर्षक निवेश रिटर्न का वादा किया। आगे बढ़ने के लिए, अर्जुन को निजी जानकारी को वेरिफाई करने के लिए कहा गया। धोखेबाज़ पर भरोसा करके, अर्जुन ने अपने अकाउंट क्रेडेंशियल और OTP शेयर कर दिए कि उसको भरोसा था कि उसका निवेश सुरक्षित रूप से मैनेज किया जाएगा। इस चोरी की गई जानकारी का उपयोग करके, धोखेबाज़ ने अर्जुन के अकाउंट का एक्सेस प्राप्त कर लिया और अनधिकृत ट्रांजेक्शन करने लगा।
स्थिति 2: धोखेबाज़, आपके अकाउंट का एक्सेस प्राप्त करने के लिए आपसे KYC प्रोसेस पूरा करने को कह सकते हैं। एक बार जब यह जानकारी उनके पास आ जाती है, तो वे आपके अकाउंट पर पूरा नियंत्रण कर लेंगे और उसका दुरुपयोग करेंगे।
एक धोखेबाज़ ने रोहिणी से संपर्क किया और उसे एक सरकारी सब्सिडी योजना के तहत लाभ दिलाने में मदद करने का दावा किया। धोखेबाज़ ने उसे एक अकाउंट बनाने और KYC वेरिफिकेशन पूरा करने के लिए कहा, यह दावा करते हुए कि सब्सिडी प्राप्त करने के लिए यह जरुरी था। धोखेबाज़ पर विश्वास करके, रोहिणी ने अपनी निजी जानकारी शेयर कर दी। एक बार जब धोखेबाज़ को रोहिणी की KYC जानकारी का एक्सेस मिल गया, तो उसने अकाउंट पर पूरा नियंत्रण कर लिया और अनधिकृत ट्रांजेक्शन के लिए इसका दुरुपयोग किया, जिससे रोहिणी को वित्तीय नुकसान हो गया।
स्थिति 3: धोखेबाज़ आपसे धोखे से किसी ऐसे अकाउंट के लिए KYC प्रोसेस पूरा करवा सकते हैं जो आपका नहीं है। इसके बाद, वे आपकी जानकारी के बिना उस अकाउंट का दुरुपयोग धोखाधड़ी वाली गतिविधियों के लिए करते हैं।
डेविड से एक धोखेबाज़ ने संपर्क किया और कहा कि वह उसे लोन दिलाने में मदद करेगा। धोखेबाज़ ने डेविड से एक ऐसे अकाउंट पर KYC पूरा करने को कहा, जो पहले से ही धोखेबाज़ के नाम पर बना हुआ था, डेविड के नाम पर नहीं। उसे लगा यह लोन प्रोसेस का ही एक हिस्सा है, इसलिए डेविड ने बिना शक किए अपनी निजी जानकारी KYC के लिए दे दी। अनजाने में उसने धोखेबाज़ को उस अकाउंट पर पूरा नियंत्रण दे दिया। फिर धोखेबाज़ ने उस अकाउंट का उपयोग फर्जी लोन लेने के लिए किया, जिससे डेविड को पता भी नहीं चला और वह बड़ी मुसीबत में पड़ गया।
KYC फ्रॉड और अकाउंट हैकिंग के लिए ख़तरे वाले सामान्य संकेत
- अकाउंट खोलने के लिए, अचानक आने वाले कॉल या ईमेल, जिसके लिए आपने अप्लाई नहीं किया।
- आपको आने वाले ऐसे अलर्ट या SMS नोटिफिकेशन, जो उन ट्रांजैक्शन के लिए हों जिन्हें आपने ऑथराइज नहीं किया है।
- ऐसे बिल या क्रेडिट कार्ड मिलना जिसके लिए आपने कभी अप्लाई ही नहीं किया।
- अपने बैंक या फाइनेंशियल अकाउंट में लॉग-इन करने में परेशानी होना।
- ऐसे ऑफर जो “बहुत अच्छे” लगते हों लेकिन आइडेंटिटी थेफ़्ट कर सकते हों।
आइडेंटिटी थेफ़्ट और KYC फ्रॉड से कैसे बचें?
- अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखें: अपने गोपनीय डॉक्यूमेंट और OTP कभी भी फ़ोन, ईमेल या किसी मैसेजिंग ऐप पर शेयर न करें।
- फ़िशिंग की कोशिशों से सतर्क रहें: संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी अविश्वसनीय वेबसाइट पर अपनी जानकारी शेयर करने से बचें।
- नियमित रूप से अपने अकाउंट पर नज़र रखें: किसी भी अनधिकृत एक्सेस का पता लगाने के लिए अपने बैंक स्टेटमेंट, क्रेडिट रिपोर्ट और अकाउंट की गतिविधियों को चेक करते रहें।
- मज़बूत ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें: जहाँ भी संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को चालू करें।
- संपर्क की पुष्टि करें: यदि कोई वित्तीय संस्थान आपसे अचानक से संपर्क करता है, तो उनके आधिकारिक संपर्क चैनलों के माध्यम से उसकी पहचान वेरिफाई करें।
- डॉक्यूमेंट के दुरुपयोग की तुरंत रिपोर्ट करें: यदि आपके पहचान प्रमाणों (ID Proofs) का दुरुपयोग होता है, तो संबंधित अधिकारियों और संस्थानों को तुरंत सूचित करें।
- केवल आधिकारिक KYC चैनलों का ही उपयोग करें: KYC प्रोसेस केवल आधिकारिक वेबसाइटों या वेरिफाइड एजेंटों के माध्यम से ही पूरा करें।
यदि किसी PhonePe अकाउंट पर आपकी जानकारी का दुरुपयोग किया गया है, तो क्या करें?
यदि आपको फ़ोनपे के माध्यम से धोखाधड़ी होने का संदेह है या आप किसी स्कैम का शिकार हुए हैं, तो तुरंत कार्रवाई करते हुए, निम्नलिखित में से किसी भी चैनल पर इस समस्या का रिपोर्ट करें:
- सोशल मीडिया: धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्ट फ़ोनपे के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर करें:
- Twitter: https://twitter.com/PhonePeSupport
- Facebook: https://www.facebook.com/OfficialPhonePe
- कस्टमर केयर नंबर: फ़ोनपे कस्टमर केयर को 80–68727374 या 022–68727374 पर कॉल करें। कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव एक टिकट रेज करेंगे और आपकी आगे मदद करेंगे।
- शिकायत निवारण: यदि आपके पास पहले से ही शिकायत टिकट है, तो आप अपनी टिकट आईडी का उपयोग करके https://grievance.phonepe.com/ पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
अधिकारियों को रिपोर्ट करना
- साइबर क्राइम सेल: साइबर अपराध पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें या 1930 पर कॉल करें।
- डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकम्युनिकेशन (DOT): संचार साथी पोर्टल पर चक्षु सुविधा के माध्यम से संदिग्ध संदेशों, कॉल या किसी भी धोखाधड़ी के अनुरोध की रिपोर्ट करें।