
Trust & Safety
अपना फ़ोन खो दिया है? जानें कैसे अपने सेविंग्स को सुरक्षित रख सकते हैं
nidhiswadi|5 min read|03 July, 2025
रात के 11 बज रहे हैं। आपका दोस्त आपको घर छोड़कर आया है और जब आप दरवाज़ा खोलते हैं, तो आपको पता चलता है कि आपका फ़ोन आपकी जेब में नहीं है! आपका दिल बैठ जाता है।
जब आप घबरा जाते हैं, तो आपको ठीक से याद नहीं रहता कि आपने अपना फ़ोन कहाँ छोड़ा होगा। हो सकता है कि आपने उसे मूवी थियेटर में छोड़ा हो। हो सकता है कि शॉपिंग करते समय वह आपसे गिर गया हो। या हो सकता है कि किसी ने उसे चुरा लिया हो!
आपके दिमाग़ में बस एक ही बात चल रही होती है – फोन में मौजूद सारा डेटा। पेमेंट और बैंकिंग ऐप्स जिनमें आप पहले से लॉग इन हैं, और हो सकता है कि नोट्स ऐप में सेव किए हुए पासवर्ड भी।
आपका घबराना गलत नहीं है। अगले कुछ मिनट आपकी सेविंग को सुरक्षित रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
मोबाइल चोरी का सच
आपका स्मार्टफोन अब सिर्फ लोगों से बातचीत करने का एक साधन नहीं है – यह आपका वॉलेट, आपका बैंक और आपकी पहचान है, और चोर यह जानते हैं। वो सिर्फ़ आपका फोन बेचकर जल्दी पैसे कमाने के लिए नहीं चुराते, उन्हें पता होता है कि एक बार फोन अनलॉक हो गया, तो उन्हें और भी बहुत कुछ का एक्सेस मिल जाएगा।
इस ब्लॉग में बताया गया है कि डिवाइस चोरी के बाद फाइनेंशियल फ्रॉड कैसे होते हैं — और आप उनसे कैसे बच सकते हैं।
डिवाइस चोरी के बाद फाइनेंशियल फ्रॉड कैसे होता है
डिवाइस चोरी के बाद फाइनेंशियल फ्रॉड, अक्सर मॉडर्न डिजिटल जगत की कमज़ोरियों का फ़ायदा उठाता है। यहाँ कुछ संवेदनशील स्थितियाँ बताई गई हैं जिनका फ़ायदा धोखेबाज़ उठाते हैं:
- UPI, डिजिटल वॉलेट या बैंकिंग ऐप जैसे ऑटो-लॉगइन वाले पेमेंट ऐप, चोरों को रि-ऑथेंटिकेशन के बिना ट्रांजेक्शन शुरू करने की अनुमति देते हैं, खासकर यदि डिवाइस में मजबूत स्क्रीन लॉक, बायोमेट्रिक या पिन-आधारित सुरक्षा जैसी ऐप-आधारित सुरक्षा नहीं हो।
- ब्राउज़र या ऐप्स में सेव किए गए कार्ड डिटेल्स अनऑथराइज्ड खरीदारी को और आसान बना देते हैं, क्योंकि चोर बहुत ही आसानी से स्टोर की गई पेमेंट जानकारी तक पहुंच सकते हैं।
- कमज़ोर स्क्रीन लॉक या फिर लॉक का बिल्कुल न होना, डिवाइस को एक्सेस करना आसान बना देता है। साथ ही, विशेष ऐप-लेवल सुरक्षा ना होने से संवेदनशील ऐप्स खुली रह जाती हैं।
- इसके अलावा, चोर टेलीकॉम कंपनियों को गुमराह करके SIM स्वैप अटैक कर सकते हैं, जिसमें पीड़ित का मोबाइल नंबर एक नई SIM पर ट्रांसफर करवा लिया जाता है। इससे वे ट्रांजैक्शन वेरिफिकेशन के लिए भेजे गए OTP को इंटरसेप्ट कर सकते हैं। इस तरह के स्कैम के बारे में ज़्यादा जानने के लिए आप यह ब्लॉग पढ़ सकते हैं।
- फिशिंग अटैक भी एक आम तरीका है, जिसमें धोखेबाज़ चुराए गए डिवाइस का उपयोग करके पीड़ित के कॉन्टैक्ट्स या ईमेल को एक्सेस कर लेते हैं। फिर वे पीड़ित बनकर दूसरों को धोखे में डालते हैं ताकि वे संवेदनशील जानकारी या पैसे शेयर कर दें। फिशिंग के बारे में और जानने के लिए आप यह ब्लॉग पढ़ सकते हैं।
ये तरीके टेक्नोलॉजी और इंसानी कमज़ोरियों — दोनों का फायदा उठाते हैं, जिससे डिवाइस की चोरी एक बड़े फाइनेंशियल नुकसान का कारण बन सकती है।
डिवाइस चोरी से बचाव के तरीक़े जानना क्यों बेहद ज़रूरी है?
भारत में डिवाइस चोरी के बाद फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं, और इसका कारण अक्सर मामूली लापरवाहियाँ होती हैं — जैसे कमजोर स्क्रीन लॉक या बिना निगरानी वाले अकाउंट्स। एंटी-थीफ उपायों की जानकारी होना और उन्हें अपनाना यूज़र्स को न सिर्फ़ अपने डिवाइस को सुरक्षित रखने में मदद करता है, बल्कि फाइनेंशियल रिस्क को कम करने और नुकसान से बचने के लिए समय पर कार्रवाई करने का सामर्थ्य भी देता है। इससे उनकी डिजिटल और फाइनेंशियल सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
अपने डिवाइस को सुरक्षित कैसे रखें?
डिवाइस चोरी के बाद अपनी फाइनेंशियल जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए इन सावधानियों को अपनाएं:
- अपने डिवाइस को मजबूत पासवर्ड से सिक्योर करें: जटिल पासवर्ड, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन (फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन) का उपयोग करें, और इनएक्टिव होने पर डिवाइस को ऑटो-लॉक होने के लिए सेट करें। ऐसे PIN जिनका आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है- जैसे “1234”, उनके उपयोग से बचें।
- ऐप-लेवल लॉक सेट अप करें: डिवाइस अनलॉक होने पर भी ऐप्स की सुरक्षा के लिए, बैंकिंग और पेमेंट ऐप में अतिरिक्त पिन या बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन (उदाहरण के लिए, फ़ोनपे पर प्रोफ़ाइल> सिक्योरिटी> बायोमेट्रिक और स्क्रीन लॉक) को चालू करें।
- संवेदनशील जानकारी का ऑटो-सेव बंद करें: बिना एन्क्रिप्शन के ब्राउज़र या ऐप में कार्ड डिटेल्स या UPI आईडी स्टोर करने से बचें। सुरक्षित स्टोरेज के लिए भरोसेमंद पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें।
- रिमोट ट्रैकिंग और डेटा वाइपिंग चालू करें: अपने डिवाइस को रिमोट रूप से ट्रैक करने, लॉक करने या मिटाने के लिए “Find My Device” (एंड्रॉइड) या “Find My iPhone” (iOS) एक्टिव करें।
- अपना सॉफ्टवेयर अपडेटेड रखें: अपने डिवाइस का ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को समय-समय पर अपडेट करते रहें ताकि सुरक्षा से जुड़ी खामियों को ठीक किया जा सके।
- डिवाइस खोने की तुरंत रिपोर्ट करें: अपने सिम कार्ड को ब्लॉक करने के लिए अपने टेलिकॉम प्रोवाइडर से संपर्क करें और अकाउंट को बंद करने के लिए बैंक या वॉलेट प्रोवाइडर को सूचित करें।
- बैंक अकाउंट को चेक करते रहे: ट्रांजेक्शन के लिए SMS/ईमेल अलर्ट सेट करें और हर दिन अकाउंट को चेक करें। अनधिकृत ट्रांजेक्शन की तुरंत रिपोर्ट करें।
- डिवाइस बाइंडिंग फीचर का उपयोग करें: सुनिश्चित करें कि UPI ऐप्स (जैसे, फोनपे, गूगल पे) डिवाइस-बाउंड हैं, ताकि सिम स्वैप होने पर भी रि- वेरिफिकेशन चाहिए हो।
अपना फोनपे अकाउंट कैसे ब्लॉक करें और बाद में एक्सेस कैसे प्राप्त करें
अगर आपका डिवाइस चोरी हो जाए, तो तुरंत अपना फोनपे अकाउंट ब्लॉक करें ताकि कोई और उसका गलत उपयोग न कर सके।
- अकाउंट कैसे ब्लॉक करें:
- कस्टमर केयर के माध्यम से: चोरी की रिपोर्ट करने और अकाउंट को सस्पेंड करवाने के लिए फोनपे सपोर्ट को 80-68727374 या 022-68727374 पर कॉल करें।
- वेबफ़ॉर्म के माध्यम से: फोनपे सपोर्ट फॉर्म के जरिए एक टिकट सबमिट करें और अपनी समस्या की पूरी जानकारी दें।
- सोशल मीडिया के माध्यम से: घटना की रिपोर्ट करने के लिए Twitter पर @PhonePeSupport या Facebook पर OfficialPhonePe से संपर्क करें।
- साइबर क्राइम सेल के माध्यम से: अगर किसी फ्रॉड का शक हो, तो cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या 1930 पर कॉल करें।
- अपना एक्सेस वापस लें:
- फोनपे सपोर्ट से संपर्क करें: जब आपके पास नया डिवाइस या सिम आ जाए, तो अपनी पहचान (जैसे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, ईमेल या KYC डिटेल्स) को कन्फर्म के लिए कॉल करें या वेबफॉर्म भरें।
- अपना अकाउंट रि वेरीफाई करें: अपने अकाउंट को नए डिवाइस के साथ फिर से लिंक करने के लिए फोनपे के निर्देशों का पालन करें, जिसमें OTP वेरिफिकेशन या KYC रि-सबमिशन करना शामिल हो सकता है।
- ट्रांजेक्शन चेक करें: फिर से एक्सेस प्राप्त करने के बाद, फोनपे ऐप में अपने पुराने लेनदेन को रिव्यु करें (मदद> पुराने लेनदेन) और किसी भी अनधिकृत गतिविधि की रिपोर्ट मदद > ट्रांजेक्शन में कोई समस्या है- के माध्यम से करें।
- शिकायत निवारण: यदि समस्या बनी रहती है, तो शिकायत दर्ज करने के लिए अपनी टिकट आईडी के साथ Grievance.phonepe.com पर लॉग इन करें।

बोनस रिसोर्सेज
- फ्रॉड के अन्य प्रकारों और उनसे सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में जानें: यहां पढ़ें।
- हमारे ट्रस्ट और सुरक्षा प्रमुख को यह बताते हुए देखें कि फ्रॉड कैसे होता है और हम अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय करते हैं: यहां देखें।
यदि आप इस घोटाले का शिकार हैं तो इसकी रिपोर्ट कैसे करें?
यदि आप फोनपे के जरिए किसी धोखेबाज द्वारा ठगे गए हैं, तो आप निम्नलिखित तरीकों से तुरंत इस समस्या को दर्ज कर सकते हैं:
- फ़ोनपे ऐप: मदद सेक्शन पर जाएं और “ट्रांजेक्शन में कोई समस्या है” विकल्प के अंतर्गत समस्या बताएं।
- फोनपे कस्टमर केयर नंबर: आप अपनी समस्या बताने के लिए 80–68727374 / 022–68727374 पर फोनपे कस्टमर केयर पर कॉल कर सकते हैं, जिसके बाद कस्टमर केयर एजेंट एक टिकट जारी करेगा और आपकी समस्या में मदद करेगा।
- वेबफ़ॉर्म सबमिशन: आप फ़ोनपे वेबफ़ॉर्म के ज़रिए भी टिकट दर्ज कर सकते हैं: https://support.phonepe.com/
- सोशल मीडिया: आप PhonePe के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं।
- Twitter — https://twitter.com/PhonePeSupport
- Facebook — https://www.facebook.com/OfficialPhonePe
- शिकायत: मौजूदा शिकायत के लिए, शिकायत दर्ज करने के लिए आप https://grievance.phonepe.com/ पर लॉग इन कर सकते हैं और पहले दर्ज की गई टिकट आईडी शेयर कर सकते हैं।
- साइबर सेल: अंत में, आप निकटतम साइबर क्राइम सेल में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं या https://www.cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या 1930 पर साइबर क्राइम सेल हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण रिमाइंडर— PhonePe कभी भी गोपनीय या व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगता। PhonePe से होने का दावा करने वाले सभी मेल को अनदेखा करें, अगर वे phonepe.com डोमेन से नहीं हैं। अगर आपको धोखाधड़ी का संदेह है, तो कृपया तुरंत अधिकारियों से संपर्क करें।
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